जिस क्षण आपको लगे कि आपसे ग़लती हो गई है, उसी क्षण क्षमा माँग लीजिए। ‘मिच्छामी दुक्कड़म’ कहने के लिए आपको जैन होने की आवश्यकता नहीं है। जैन धर्म के अनुसार ‘मिच्छामी’ का अर्थ क्षमा करने से और ‘दुक्कड़म’ का अर्थ ग़लतियों से है। पर्युषण पर्व के दौरान जैन https://manuelgprcy.blogpostie.com/38606543/helping-the-others-realize-the-advantages-of-स-हत-क-ल-ए-अलस-क-फ-यद