तुम तो बस उसी शख्स को डरा सकते हो जो नसीहत माने और बेदेखे भाले खुदा का ख़ौफ़ रखे तो तुम उसको (गुनाहों की) माफी और एक बाइज्ज़त (व आबरू) अज्र की खुशख़बरी दे दो और लोगों ने ख़ुदा को छोड़कर (फर्ज़ी माबूद बनाए हैं ताकि उन्हें उनसे कुछ मद्द https://georgee900pep8.bcbloggers.com/profile